यादें वहीं खडी रह जाती हैं
रूके रास्तों की तरह
गुज़र जाते हैं खूबसूरत लम्हें
यूं ही मुसाफिरों की तरह
.
.
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ये शमा और भी हसीं हो जाता,
गर तेरे हो जाते हम....
एक गीत हम भी लिख देते
गर तेरे अल्फाज़ो में घुल जाते हम...
रूके रास्तों की तरह
गुज़र जाते हैं खूबसूरत लम्हें
यूं ही मुसाफिरों की तरह
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ये शमा और भी हसीं हो जाता,
गर तेरे हो जाते हम....
एक गीत हम भी लिख देते
गर तेरे अल्फाज़ो में घुल जाते हम...
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